23 अक्टू॰ 2016

दिन भर की थकान और जरुरी ज्ञान

एक राजा था। वह अपने राज्य के लोगो को खुश रखने की भरसक कोशिश करता , लेकिन हर बार उसे निराशा ही हाथ लगती थी। आखिरकार एक दिन राजा को पता चल गया कि लोग उसके राज्य में खुश नही हैं। राजा को यह सुनकर बहुत दुख हुआ। वह सोच में पड़ गया कि उसकी तमाम कोशिशों के बावजूद ऐसा क्या है कि लोग उसके राज्य में खुश नही हैं! तमाम प्रयासों के बावजूद वह अपने राज्य के लोगों को खुश नही कर पा रहा था। इसीलिए उसने तय किया कि वह पूरे राज्य का पैदल भ्रमण करेगा और राज्य के लोगो की परेशानियों को उनके पास जाकर समझने की कोशिश करेगा।
राजा के भ्रमण की तैयारियां पुरे राज्य में शुरू हो गई। पहला दिन था और राजा सुबह पांच बजे ही महल से निकल पड़ा। राजा को चलने की आदत तो थी नही, ऊपर से सड़के भी सिर्फ उसी इलाके में बनी थीं। जिस पर राजा रोज आता जाता था। इसीलिये राजा को पहली बार पथरीले, टूटे-फूटे रास्तो पर चलना पड रहा था। दिन भर तो राजा ने बहुत हिम्मत दिखाई, लेकिन शाम  तक राजा की हिम्मत ने जवाब दे दिया। उसके पैर बुरी तरह दर्द करने लगे। जब राजा के लिये और आगे चलना मुश्किल हो गया, तो एक जगह डेरा डालने का फैसला किया।
राजा ने वही एक गांव में दरबार लगाया। सभी दरबारी बैठे थे। राज्य की बदतर सड़को की स्थति की बात होने लगी। राजा ने आदेश दिया की पुरे राज्य में चमड़े की सड़कें बनवा दी जाए। राजा को लगा, यह सुनकर राज्य के लोग बहुत खुश हो जायेंगे। लेकिन इससे भी कोई फायदा नही हुआ। इस फैसले से गांव के हर निवासी के चेहरे पर मायूसी छा गई। राजा ने एक ग्रामीण व्यक्ति से इस बारे में पूछा- क्यों भई, तुम अब खुश तो हो न?  वह व्यक्ति शांत खड़ा रहा। राजा को यह देख कर बहुत गुस्सा आया। राजा ने सोचा, 'इन लोगो का दिमाग खराब हो गया हैं।। मैं इनकी भलाई के लिए इतना कर रहा हूं। फिर भी इनको कोई फर्क नहीं पड़ता।'
तभी उस ग्रामीण व्यक्ति ने कहा, 'हुकुम, आपने यह तो सोचा की पुरे राज्य में चमड़े की सड़के बनवा दी जाएं। लेकिन यह विचार नही किया कि चमड़े की सड़क बनवाने के लिये कितने जानवरो को मारना पड़ेगा। राज्य का कितना पैसा व्यर्थ हो जायेगा। पुरे राज्य में सड़के बनवाने के बजाय अगर आप खुद ही चमड़े के जूते बनवा के पहन लें, तो जानवरो को भी नही मारना पड़ेगा और जो पैसा बचेगा, वह राज्य के हित में खर्च किया जा सकेगा। राजा हैरान रह गया। उसकी समझ में आ गया कि वह कहां गलती कर रहा था।

          लोगों की भलाई के लिए उनका दृष्टिकोण
          समझना जरूरी है।

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